लोन देने वाले एप्स से सावधान, चीनी महिला सहित दो गिरफ्तार

लोन देने वाले एप्स से सावधान, चीनी महिला सहित दो गिरफ्तार

पुणे

तेलंगाना पुलिस ने पुणे स्थित एक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इसका इस्तेमाल ऑनलाइन एप फर्मों से कर्ज लेने वाले लोगों को परेशान करने के लिए किया जाता था। पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक चीनी महिला भी शामिल है। जांच टीम के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने उनकी कंपनी के बैंक खाते में जमा 1.42 करोड़ रुपये के अलावा 101 लैपटॉप, 106 मोबाइल फोन और कई दस्तावेज जब्त किए हैं।’

गिरफ्तार आरोपियों में परशुराम लाहू तकवे, उसकी पत्नी लियांग टियानटियान जोकि चीनी नागरिक है और कॉल सेंटर का एचआर मैनेजर एसके साकिब शामिल है। टियानटियान तीसरी ऐसी चीनी नागरिक है जिसे डिजिटल मनी लेंडिंग फ्रॉड (डिजिटल पैसा उधार धोखाधड़ी) के मामले में गिरफ्तार किया गया है। 

25 दिसंबर को साइबरबाद पुलिस ने दिल्ली से चीनी नागरिक यी बाई उर्फ डेनिस को गिरफ्तार किया था। वह अवैध रूप से पैसे उधार देने वाली 11 एप का संचालन करता था। डेनिस शंघाई के जियांग्सी का मूल निवासी है। वह 20 से 40 वर्ष के बीच के व्यक्तियों को अत्यंत उच्च ब्याज दरों पर छोटे ऋण प्रदान करता था।

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इससे पहले अक्तूबर में एक चीनी व्यक्ति को दिल्ली से अवैध रूप से सट्टेबाजी की एप चलाने और भारतीयों से करोड़ों रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे वर्तमान में हैदराबाद जेल में रिमांड पर लिया गया है। अब तक तेलंगाना पुलिस ने देश भर के कॉल सेंटरों से 18 लोगों को गिरफ्तार किया है।

दरअसल, एक कृषि अधिकारी और एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सहित चार पीड़ितों ने आत्महत्या कर ली और लोगों ने बताया था कि उन्हें परेशान किया गया जा रहा था और समय पर कर्ज न देने के कारण उन्हें शर्मिंदा करने के लिए उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर कंपनियों द्वारा साझा की गई थीं।

पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने मुंबई और मैसूर में स्थित चार फाइनेंसिंग कंपनियों के साथ एक समझौता किया था। यह उन लोगों से पैसे की वसूली करते थे जो उनके स्वामित्व या संचालित वाली 16 त्वरित ऋण एप के जरिए उनसे कर्ज लेते थे। इसके लिए आरोपियों ने पुणे में एक कॉल सेंटर खोल रखा था।

राचनकोंडा के पुलिस आयुक्त महेश भागवत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘वे फाइनेंस कंपनियों के इशारे पर उन लोगों को फोन करते थे जिन्होंने उनसे कर्ज लिया है और पैसा वापस नहीं दे रहे हैं। टेली कॉलर्स ग्राहकों को गालियां दिया करते थे और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देते थे।’

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